Monday, February 16, 2009

कलम का सिपाही प्रतियोगिता के नतीजे घोषित!

''हिन्दुस्तान का दर्द'' ब्लॉग ने हिन्दी को बढावा देने के उद्देश्य एवं आप सभी कवि मित्रों को मिलाने की मंशा को लेकर ''कलम का सिपाही'' प्रतियोगिता का आयोजन किया था, इस दिशा में आप लोगों के सहयोग से हमे बहुत हद तक सफलता भी मिली !

इस प्रतियोगिता के अंतर्गत एक विजेता को १००० रुपए के नगद इनाम से सम्मानित किया जाना था इसी लिए हम इस प्रतियोगिता के विजेता की घोषणाकर रहे है! विजेता के चुनाव को करते समय सभी प्रकार की बातों पर ध्यान दिया गया है,इस जांच समिति में मुख्य रूप से युवा शक्ति संगठन शामिल रहा है ! इसलिए विजेता का चुनाव भी युवा शक्ति संगठन प्रमुख के निर्देश पर हुआ है!

''कलम का सिपाही'' प्रतियोगिता में ३० कवियों ने भाग लिया जिनका हम तहे-दिल से शुक्रिया अदा करते है
बह सभी ३० कवि हैं :-

१.रजनी मौर्य -माँ की बात
२.प्रशांत देसाई- सर्द रात
३.अपूर्व जैन -देश को हुआ क्या है ?
४.विनय बिहारी सिंह-आम आदमी
५.मंजुलता जोशी- रोटी की कमी
६.अभिदीप यादव-हिंदू है हम
७.रोहित- खो देना चाहती हूँ तुम्हें
८.अमित चौबे-राजनीति अजीब है
९.निरंजन सागर-गोबर की सुगंध
१०. हरकीरत कलसी 'हकी़र' -ये कौन रोया है दरख्‍तों से लिपट के
११.अन्नी पंडित- राम बनाम रहमान
१२.गोरव पवार-अकेला आदमी
१३.महेश कुमार वर्मा- तीन भिखारी
14.मोहम्मद घोसी- ''गर भाषा न होती''
१५.आरती आस्था-लिखावट
१६.अनुराधा गुगनानी -एक माँ की पीड़ा
१७.विवेक रंजन श्रीवास्तव -जिन्दा है संवेदना
१८.अभिषेक आनंद- भोली माँ
19.विनोद बिस्सा -असमंजस विनाशकारी
२०. श्रीमती शोभना चौरे- भेड़
2१. एम् ऐ शर्मा "सेहर "- तडके सवेरे
२२.मनु "बे-तक्ख्ल्लुस"-असर दिखला रहा है23
२३.गोपिकांत महतो .-एकता.....ये दीप मेरे
२४. सौरभ वैद्य- आप बहुत याद आये
२५.नितिन पाण्डेय - वो बेवफा
२६.पियूष जैन- दर्द में मुस्कुराता हूँ
२७.अंकिता भार्गव - सपनों की रातों में
२८.ममता ठाकुर -देह की हलचल
२९.बलराम आचार्य- जलता घर
३०.सोनिया श्रीवास्तव -मिलती रहूंगी ख्वाब में

आप सभी कवि लोगों का बहुत-बहुत शुक्रिया जिन्होंने इस छोटे से प्रयास को इतना बड़ा बना दिया आगे भी आपसे इसी तरह के सहयोग की आशा है!
अब हम उन कवियों के नाम बताने जा रहे है जिनकी कविताएँ यहाँ पर प्रकाशित होंगी!
इस दिशा मे हम ३० कवियों मे से सिर्फ १५ कवियों की रचनाओं को यहाँ प्रकाशित करेंगे! ऐसा नहीं है की उनकी कविताएँ अच्छी नहीं थी बल्कि समय आभाव एवं एक प्रतियोगिता के नजरिये से ऐसा करना समिति को उचित लगा.हम चाहते है की आप लोग आगे भी इस प्रतियोगिता मे भाग लें और विजेता बने या न बने.हिंदी के प्रसार मे सहयोग जरुर करें ! यह रही प्रकाशित होने वाली रचनाओं की सूची:-

१.विनय बिहारी सिंह
२.रोहित
३.हरकीरत कलसी 'हकी़र'
४.महेश कुमार वर्मा
५.फकीर मोहम्मद घोसी
६.आरती आस्था
७.अनुराधा गुगनानी
८.विवेक रंजन श्रीवास्तव
९.अभिषेक आनंद
१०.विनोद विस्सा
११.शोभना चौरे
१२.ऍम ऐ शर्मा "सेहर "
१३.गोपिकांत महतो
14.गोरव पवार
१५.ममता ठाकुर

लेकिन हम आपको याद दिला दे की यह विजेता क्रम नहीं है,विजेता क्रम की घोषणा अभी बांकी है जिसके अंतर्गत हम शीर्ष ५ कविताएँ प्रकाशित करेंगे,जो विजेता बनने के सबसे करीब रही है !!
तो यह रहे कलम का सिपाही प्रथम प्रतियोगिता के विजेता :-

ममता जी की कविता ''देह ही हलचल ''बनी कलम का सिपाही

''हिन्दुस्तान का दर्द'' द्वारा आयोजित प्रथम प्रथम कलम का सिपाही प्रतियोगिता मे मध्यप्रदेश के दमोह जिले की ममता ठाकुर की रचना ''देह की हलचल''को जांच समिति ने विजेता घोषित किया! ममता ठाकुर खुद को लेखिका तो नहीं मानती पर कहती है की जब मैं अपनी भावनाओं को कागज पर उतारती हूँ तो लेखिका जैसी ही लगती हूँ!ममता जी का जन्म दमोह मे हुआ और वे अभी दमोह जिले की ओजस्विनी कालेज मे तृतीय बर्ष के छात्रा है!इनकी अब तक ५० रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं मे प्रकाशित हो चुकी है ! ममता ठाकुर जी आपको ''हिन्दुस्तान का दर्द'' परिवार की और से बहुत-बहुत बधाई और हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते है!

''देह की हलचल ''

दफा दर दफा
देह की हलचल भरा गीत
गाती हुई नारी
देह भर रह जाती है !

स्वयं के बजूद को ख़ुद में खोजती हुई
नारी
देह की काली घटाओं में
उलझ जाती है
बनकर एक चमकदार विज्ञापन
तंग जाती है एक कील पर!

बिज्ञापन
जो की अपने आप में
खुला निमंत्रण होता है
किसी बस्तु के लिए
सार्वजनिक रूप से बिकने का
बाजार बनने का !

बाजार की हकीकत
समझ में आने पर
नारी शोक करती हुई
देह से पीछा छुडाने का
एक व्यर्थ प्रयत्न करती है!

ऐसे में
पागलों की तरह रोते-झीकतें,
तड़पते और भटकते देखकर
पूछती है देह खुद नारी से -
देह से पीछा छुडाकर
कोई कभी जी पाया है
क्या नारी?
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी लोगों का एवं सभी सहयोगियों का जिनके सहयोग से यह प्रयास सफल हुआ..हम उनका तहे-दिल-से शुक्रिया अदा करते है !! और एक ख़ास व्यक्ति है जिनको आदर्श मानकर मैंने यह काम किया ''शैलेश भारतवासी जी'' मार्गदर्शन के लिए आपका आभार!
अब हम हर रोज आपकी कविता प्रतियोगिता में बिजेता क्रम अनुसार प्रकाशित करेंगे.अत:आज विजेता कल उपविजेता और आगे भी इसी क्रम में !तो हमें इंतज़ार है आपकी राय का तो कविताओं और हमारे प्रयास पर दीजिये अपनी राय!

12 comments:

  1. संजय जी बहुत ही उम्दा प्रयास है और ममता जी को विजेता बनने पर बधाई
    आप इसी तरह नए कविओं को मौका देते जाओ यही आशा है !
    बहुत बढ़िया !

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  2. शुक्रिया दोस्त..सब आपका ही सहयोग है !

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  3. ममता जी मुबारक हो आपको अपनी यह सफलता !!
    संजय जी बहुत उम्दा!

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  4. ममता जी को ढेर साड़ी बधाई और संजय सागर को उनके प्रयास के लिए धय्न्वाद

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  5. चलिए विजेता कोई तो बना..बहुत खूब रचना ममता जी काफी अच्छा लिखा है आपने आप इस काबिल थी!
    बधाई हो !

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  6. हिन्दुस्तान का दर्द परिवार की और से भी खूब बधाई !

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  7. ममता जी की कविता ने सचमुच
    बांध लिया। बहुत बहुत बधाई।
    संजय भाई, आपका चुनाव वाकई
    अद्वितीय है।
    - विनय बिहारी सिंह

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  8. Mamta Ji आपको अपनी यह सफलता मुबारक हो
    Sanjay Ji, Esa Pryas Aage Jari Rahe

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  9. ममता जी आपको बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें ,,,, संजय सेन 'सागर' जी का आभार जिन्होने इस महाअभियान को अमली जामा पहनाया ।

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  10. संजय सागर जी

    बहुत सुंदर प्रयास रहा आपका

    आगे भी आप 'कलम के सिपाही ' को इसी हौसले के साथ बढाते रहेंगे
    एसी आशा ही नही वरन विश्वास है

    ममता जी को भी बहुत बधाई !!!

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  11. ममता जी आप को प्रथम आने पे बहुत बहुत बधाई |

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  12. प्रतियोगिता के आयोजक व सभी प्रतिभागी को धन्यवाद. इस प्रकार की प्रतियोगिता की आयोजन किया जाना चाहिए.

    आपका
    महेश

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